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📅 No Bag Day – 12 July 2025 (द्वितीय शनिवार)

📅 No Bag Day – 12 जुलाई 2025 (द्वितीय शनिवार)

No Bag Day 12 July 2025

थीम – भाषाई समझ से अभिव्यक्ति की ओर

समूह:

  • समूह – 1 ➡️ अंकुर (कक्षा 1-2)

  • समूह – 2 ➡️ प्रवेश (कक्षा 3-5

No Bag Day 12 July 2025 Second Saturday  Class 1-5

 


 

2st Saturday – 12 July 2025 No Bag Day Activity

Class Group Activity Name
1-2 अंकुर
  • कहानी वाचन और चित्र निर्माण
  • खिलौनों की दुनिया
  • आसपास के स्पर्श से शांति
3-5 प्रवेश
  • जंगल की कहानी
  • खिलौनों की दुनिया
  • आसपास के स्पर्श से शांति

📅 No Bag Day – 12 जुलाई 2025 (शनिवार)

Second Saturday


थीम – भाषाई समझ से अभिव्यक्ति की ओर

समूह –

  • समूह – 1: अंकुर (कक्षा 1–2)

  • समूह – 2: प्रवेश (कक्षा 3–5)


🔷 समूह – 1 (अंकुर: कक्षा 1–2)

गतिविधि का नाम – ‘कहानी वाचन और चित्र निर्माण’ (समय – 60 मिनट)


🎯 गतिविधि के उद्देश्य –

  • विद्यार्थियों में सुनकर समझने की क्षमता एवं रचनात्मकता का विकास करना।

  • विद्यार्थियों में गतिविधि के माध्यम से पुस्तकों से जुड़ाव बढ़ाना।


📌 आवश्यक सामग्री –

चित्र कहानी, पुस्तक, पेंसिल, पेपर, रंग आदि।


📋 शिक्षक हेतु निर्देश –

  • शिक्षक सर्वप्रथम कहानी का वाचन कर कहानी का भावार्थ विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करें।

  • शिक्षक स्वयं पेड़-पौधे एवं पक्षियों का चित्र बनाकर विद्यार्थियों को गतिविधि में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।


🗂️ गतिविधि के चरण –

1️⃣ सभी विद्यार्थियों को गोल घेरे में बैठाकर शिक्षक पुस्तकालय से किसी एक कहानी की पुस्तक को चित्र एवं हाव-भाव के साथ सुनाएंगे।
2️⃣ शिक्षक कहानी सुनाने के बाद बातचीत के माध्यम से सभी विद्यार्थियों के निजी अनुभव को कहानी की घटनाओं से जोड़ेंगे।
3️⃣ इसके बाद शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकालय से एक चित्रात्मक कहानी की पुस्तक देकर उसमें से अपनी पसंद का कोई भी एक चित्र बनाने का निर्देश देंगे।
4️⃣ गतिविधि के अंत में सभी विद्यार्थी द्वारा बनाए गए चित्र के बारे में कक्षा में बताएँगे।


सीखने के प्रतिफल –

  • विद्यार्थियों में सुनकर समझने की क्षमता एवं रचनात्मकता का विकास हो सकेगा।

  • विद्यार्थियों में पुस्तकों के प्रति जुड़ाव बढ़ सकेगा।


🔷 समूह – 2 (प्रवेश: कक्षा 3–5)

गतिविधि का नाम – ‘जंगल की कहानी’ (समय – 60 मिनट)


🎯 गतिविधि के उद्देश्य –

  • विद्यार्थियों में सुनकर समझने की क्षमता एवं रचनात्मक विकास करना।

  • विद्यार्थियों का पुस्तकों से जुड़ाव बढ़ाना।


📌 आवश्यक सामग्री –

जंगली जानवरों के मुखौटे/कुछ पेपर, रंग एवं कैंची आदि।


📋 शिक्षक हेतु निर्देश –

  • शिक्षक सर्वप्रथम कहानी का वाचन कर कहानी का भावार्थ विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करें तथा विभिन्न जानवरों के मुखौटे बनाकर भी रख सकते हैं।


🗂️ गतिविधि के चरण –

1️⃣ शिक्षक एवं विद्यार्थी मिलकर अलग-अलग जानवर जैसे – शेर, खरगोश, बंदर, भालू तथा कुछ अन्य जानवरों के मुखौटे तैयार करेंगे। (यह मुखौटे ABL-Kit में भी उपलब्ध हैं।)
2️⃣ शिक्षक विद्यार्थियों को जंगली जानवरों के मुखौटे पहनाकर अभिनय करवाएँगे।
3️⃣ कहानी –

जंगल का राजा शेर सभी जानवरों की सभा बुलाता है और कहता है कि राम खरगोश के बच्चे दो दिन से लापता हैं। शेर लापता जानवरों की तलाश सभी जानवरों को मिलकर करने के लिए कहता है। जानवर जंगल में चारों तरफ बच्चों की तलाश करते हैं। काल कौए को बच्चे मिल जाते हैं। भूख–प्यास के मारे उनका बुरा हाल था। हिरण बच्चों को घास खिलाता है और पानी पिलाता है। राम खरगोश अपने बच्चों को देखकर खुश हो जाता है और सभी जंगलवासियों को धन्यवाद देता है।

4️⃣ शिक्षक प्रश्नों द्वारा गतिविधि को आगे बढ़ाएँगे –

  • जंगल के कौन–कौन से जानवर एवं पक्षियों ने खरगोश के बच्चे को खोजा होगा?

  • यदि सभी जानवर एवं पक्षी खरगोश के बच्चे को नहीं खोजते तो क्या हो सकता था?

  • सहभागिता के साथ काम करने के क्या–क्या लाभ हैं?


सीखने के प्रतिफल –

  • विद्यार्थियों में सुनकर समझने के कौशल का विकास हो सकेगा।

  • विद्यार्थियों में पुस्तकों के प्रति जुड़ाव बढ़ने से पढ़ने में रुचि का विकास हो सकेगा।


🔷 अन्य गतिविधि (कृत्रिम बुद्धिमत्ता)

समूह – 1 (अंकुर: कक्षा 1–2) एवं समूह – 2 (प्रवेश: कक्षा 3–5)

गतिविधि का नाम – ‘खिलौनों की दुनिया’ (समय – 60 मिनट)


🎯 गतिविधि के उद्देश्य –

  • विद्यार्थियों में खिलौनों के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता की समझ बनाना।

  • विद्यार्थियों में गतिविधि के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दैनिक जीवन में उपयोगिता समझाना।


📌 आवश्यक सामग्री –

रिमोट से चलने वाले खिलौने (यदि उपलब्ध हों तो), रिमोट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले उपकरण के चित्र, कागज, पेंसिल, रबर, रंग इत्यादि।


📋 शिक्षक हेतु निर्देश –

  • शिक्षक रिमोट से चलने वाले खिलौने (यदि उपलब्ध हों तो), रिमोट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले उपकरण के चित्र का संकलन कर लें।


🗂️ गतिविधि के चरण –

1️⃣ शिक्षक विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित उपकरणों के चित्र, वीडियो, रिमोट से चलने वाले खिलौने (यदि उपलब्ध हों तो) दिखाते हुए आपस में चर्चा करेंगे। जैसे – आपने इनको कहाँ देखा है?
2️⃣ इसके पश्चात शिक्षक विद्यार्थियों को कागज, पेंसिल, रबर, रंग इत्यादि सामग्री प्रदान करेंगे तथा विद्यार्थियों को चित्र दिखाते हुए वैसे चित्र बनवाएँगे।
3️⃣ विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों को कक्षा-कक्ष में प्रदर्शित करवाएँगे।
4️⃣ गतिविधि के अंत में शिक्षक चित्रों के माध्यम से विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित वस्तुओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।


सीखने के प्रतिफल –

  • विद्यार्थियों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले खिलौनों के बारे में समझ का विकास हो सकेगा।

  • विद्यार्थियों में दैनिक जीवन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की उपयोगिता को समझने का कौशल विकसित हो सकेगा।


🔷 खुशियों की पाठशाला

समूह – 1 (अंकुर: कक्षा 1–2) एवं समूह – 2 (प्रवेश: कक्षा 3–5)

गतिविधि का नाम – ‘आसपास के स्पर्श से शांति’ (समय – 60 मिनट)


🎯 गतिविधि के उद्देश्य –

  • विद्यार्थियों में स्पर्श के माध्यम से संवेदनाओं की समझ विकसित करना।

  • विद्यार्थियों में स्पर्श के माध्यम से शरीर और दिमाग को मुश्किल स्थिति में शांत करने का कौशल विकसित करना।


📌 आवश्यक सामग्री –

ब्लैक बोर्ड, चार्ट, कागज, पेंसिल आदि।


📋 शिक्षक हेतु निर्देश –

  • शिक्षक कुछ उदाहरण या परिस्थितियों की सूची तैयार कर लें जो गतिविधि में सहायक हो।


🗂️ गतिविधि के चरण –

1️⃣ शिक्षक विद्यार्थियों को स्पर्श से शांत होने की कुछ क्रियाएँ साथ में करने का निर्देश देंगे। जैसे – जमीन को छूना, टेबल को छूना, खड़े होकर जमीन को स्पर्श करना, पत्ते को छूना, घास को स्पर्श करना आदि। (नोट – शिक्षक विद्यार्थियों को अनुशासित रखें।)
2️⃣ इसके पश्चात शिक्षक निम्नलिखित प्रश्न पूछेंगे –

  • आपको प्रत्येक क्रिया में कौनसी संवेदना अनुभव हुई?

  • कौनसी क्रिया आपको रोचक लगी और कौनसी नहीं?
    3️⃣ विद्यार्थी एक कागज पर रोचक लगने और न लगने वाली क्रियाओं के चित्र बना लेंगे या उसे लिख लेंगे।
    4️⃣ शिक्षक विद्यार्थियों को रोचक लगने वाली क्रियाएँ करने और निम्नलिखित बिंदुओं पर साझा करने का निर्देश देंगे –

  • क्या उन्हें अच्छी लगी?

  • क्या उन्हें अच्छी लगने वाली क्रिया (स्पर्श) से शांति लग रही है?

  • कौनसी संवेदना अनुभव हो रही है?

  • इसके अतिरिक्त क्या कोई और वस्तु है जो विद्यार्थियों को शांति प्रदान करती है?
    5️⃣ गतिविधि के अंत में शिक्षक विद्यार्थियों को जो स्पर्श उन्हें रोचक लगा उसका अवलोकन करने और निजी जीवन में उसे उपयोग करने का निर्देश देंगे।


सीखने के प्रतिफल –

  • विद्यार्थियों में स्पर्श से शांति प्रदान की तकनीकों की पहचान एवं उन्हें अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करने की समझ विकसित हो सकेगी।

  • विद्यार्थियों में आत्म-नियंत्रण को बढ़ाने का तकनीकी कौशल विकसित हो सकेगा।


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