डीपीसी को लेकर शिक्षक संगठन फिर से गर्मजोशी मिजाज में नजर आ रहे है। इसी को लेकर तुरंत प्रभाव से कार्य करने को लेकर निदेशक महोदय से चर्चा की गई है। सभी कार्मिक और संगठन की विनम्र अपील को सुना जाए अन्यथा हो सकता है आंदोलन ।पिछले सत्र में सिर्फ मिले आश्वासन के बाद कार्मिक हताश है और अब नई सरकार और लोकसभा चुनाव से पहले चाहते है अच्छी सूचना
डीपीसी और आचार्य जी की वार्तालाप शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल नारायण आचार्य के नेतृत्व में माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी से मुलाकात की तथा दो ज्ञापन सौंपकर वार्ता की गई है।
डीपीसी और संघ के अध्यक्ष की वार्ता का मुख्य बिंदु
संघ के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य जी ने बताया कि अधीनस्थ मण्डल स्तरों पर कनिष्ठ सहायक भर्ती 1986 एवं तीन सन्तान के प्रकरणों की रिव्यू डीपीसी एवं नियमित डीपीसी तीन दिवस में करने एवं निदेशालय स्तर पर अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी पद की रिव्यू एवं नियमित डीपीसी एक सप्ताह में करने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा गया। वार्ता में शिक्षा निदेशक को बताया गया कि डीपीसी के अभाव में मंत्रालयिक कर्मचारियों हजारों रूपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है, इससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
एक सप्ताह में डीपीसी की आशंका
राज्य सरकार की भी डीपीसी कार्य को प्रमुखता से करने की मंशा है। फिर भी इस कार्य में विलम्ब किया जा रहा है, उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की भी मांग व करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है कि एक सप्ताह में डीपीसी नहीं होने पर संघ द्वारा आन्दोलनात्मक कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
डीपीसी को लेकर निदेशक महोदय का आश्वासन
एक और ज्ञापन सौंपकर प्रशानिक अधिकारियों को पूर्व निर्णय के अनुसार स्वतन्त्र अनुभाग अधिकारी बनाकर व पत्रावलियां ग्रुप अधिकारी के माध्यम से शिक्षा निदेशक को प्रेषित करने के न संशोधित आदेश प्रसारित करने की मांग की गई। प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने बताया कि दोनों मुद्दों पर शिक्षा निदेशक के महोदय ने त्वरित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
डीपीसी और सरकार
पिछली सरकार ने आचार सहिता से पूर्व शिक्षा विंलभाग के कार्मिकों की डीपीसी के लिए समिति बनाने की सूचना भी दी थी परन्तु किसी प्रकार का कोई परिणाम नही मिला।
लगभग 4 साल से डीपीसी पेंडिंग है जिससे सभी शिक्षक निराश है। शिक्षको को न ट्रांसफर मिले और न ही डीपीसी
अगर डीपीसी की जाती है तो नई भर्ती और ट्रांसफर के रास्ते भी खुलते है । इसलिए सरकार से निवेदन है कि त्वरित रूप से शिक्षा विभाग की पेंडिंग डीपीसी को पूर्ण करे।
डीपीसी को लेकर अभी एक संगठन की चर्चा सामने आ रही है इसी तरह राजस्थान के सभी संगठन सामने आए तो तुरंत प्रभाव से कार्य पूर्ण होने की संभावना हो सकती है। इसी के साथ सभी कार्मिक भी हमेशा एक्टिव रहे ।
डीपीसी और नुकसान
समय समय पर डीपीसी नही होने से कार्मिकों को नुकसान होता है । वही सरकार किसी न किसी कारणवश डीपीसी में विलम्ब कर रही है। जैसा कि आप सबको विदित है डीपीसी के लिए लम्बे समय से कार्मिक इंतजार में है किन्तु सरकार के वायदे सुनने को मिलते है डीपीसी लिस्ट नही। पिछली सरकार ने 5 साल पूर्ण करने के बाद जब आचार सहिता लगी तब कमेटी बिठाने और तुरन्त प्रभाव से कार्य पूर्ण करने का माहौल दिखाया पर सच आप सबके सामने है।उम्मीद है कि पेंडिंग डीपीसी, ट्रांसफर, भर्तियों पर सरकार ध्यान देगी और कार्मिकों और बेरोजगारों को सरकार हताश नहीं करेगी। अब सरकार लोकसभा चुनाव से पहले आपकी डीपीसी करेगी या नही इसके लिए इंतजार करे अगले 7 दिन का कि सप्ताह भर में डीपीसी अपडेट क्या रहेगा।। क्या अब डीपीसी की न्यूज मिलेगी या सिर्फ न्यूज।