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विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC) और SMC के कार्य, संरचना एवं दायित्व

📌 विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC) और SMC के कार्य, संरचना एवं दायित्व

🎯 महत्वपूर्ण आदेश

✍️ आदेश:
 आदेश दिनांक: 21.01.2015 के अनुसार, समस्त राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में:

  • कक्षा 1 से 8 तक के लिए विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) गठित की जाएगी।
  • कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) गठित की जाएगी।

इन आदेशों के अनुसार:

  • SMC कक्षा 1-8 की शिक्षा गुणवत्ता, सर्व शिक्षा अभियान (SSA) और मिड-डे मील योजना की राशि का अलग से लेखा-जोखा संधारित करेगी।
  • SMC का गठन पूर्व के आदेशों के अनुसार ही किया जाएगा।
  • कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधार व भवन विकास कार्य SDMC द्वारा किए जाएंगे।
  • RMSA से प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क व अन्य वित्तीय लेनदेन SDMC द्वारा संधारित होंगे।

➡️ SDMC और इसकी उप समितियों की संरचना और दायित्व, शासन की स्वीकृति क्रमांक प.17 (22) शिक्षा-1/2016, जयपुर दिनांक 01.07.2016 के अनुसार आंशिक संशोधनों के बाद लागू होंगे।

SDMC Members Rules and Important Format

🎯 SDMC क्या है?

विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (School Development and Management Committee – SDMC) माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने और विद्यालय भवन के विकास के लिए उत्तरदायी होती है।
RMSA (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान) के तहत प्राप्त अनुदान, विकास शुल्क और अन्य वित्तीय लेनदेन इसी समिति द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं।


🏫 SDMC की संरचना

कार्यकारिणी समिति की संरचना RMSA गाइडलाइन अनुसार:

क्रमांक पदनाम सदस्य
1 प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक अध्यक्ष
2 एससी/एसटी समुदाय से अभिभावक प्रतिनिधि 2 सदस्य
3 महिला अभिभावक प्रतिनिधि 2 सदस्य
4 अन्य अभिभावक प्रतिनिधि 2 सदस्य
5 सामाजिक विज्ञान का शिक्षक 1 सदस्य
6 विज्ञान का शिक्षक 1 सदस्य
7 गणित का शिक्षक 1 सदस्य
8 पंचायत/शहरी स्थानीय निकाय प्रतिनिधि 2 सदस्य
9 आॅडिट/वित्त विभाग से व्यक्ति 1 सदस्य
10 शैक्षिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय से 1 सदस्य
11 महिला समूहों से प्रतिनिधि 1 सदस्य
12 ग्राम शिक्षा विकास समिति सदस्य/शिक्षाविद् 1 सदस्य
13 विज्ञान/मानविकी/कला/संस्कृति/क्राफ्ट से नामित 1 सदस्य
14 जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित अधिकारी 1 सदस्य
15 विद्यार्थी प्रतिनिधि 2 सदस्य
16 विधायक प्रतिनिधि 2 सदस्य
17 वरिष्ठतम व्याख्याता/प्रधानाचार्य द्वारा नामित मुख्य शिक्षक सदस्य सचिव
कुल   23 सदस्य

महत्वपूर्ण:

  • कम से कम एक सदस्य MMC में भी होना चाहिए।
  • कुल सदस्यों में कम से कम 50% महिला सदस्य होना अनिवार्य है।
  • कार्यकाल – 2 शैक्षिक सत्रों हेतु होता है।

📅 SDMC गठन की प्रक्रिया

  • सत्रारंभ में जुलाई के पहले सप्ताह में साधारण सभा बुलाकर समिति का गठन।
  • सर्वसम्मति न होने पर बहुमत से चुनाव।
  • गठित समिति के नाम, पता व मोबाइल नंबर बोर्ड पर सार्वजनिक करना।

🗂️ SDMC के मुख्य कार्य

(A) विद्यालय विकास

  • हर वर्ष 31 जुलाई से पहले विद्यालय विकास योजना तैयार करना।
  • योजना को शाला दर्पण पर अपलोड करना और नोटिस बोर्ड पर लगाना।
  • हर 3 माह में प्रगति रिपोर्ट अपलोड कर प्रदर्शित करना।
  • नामांकन दर बढ़ाना और ड्रॉप आउट दर 25% से नीचे रखना।
  • विद्यार्थियों के समग्र विकास हेतु संसाधन उपलब्ध कराना।

(B) वित्तीय प्रबंधन

  • RMSA खाते में प्राप्त राशि का संधारण।
  • फंड का उपयोग रिकरिंगनॉन-रिकरिंग मद में नियमानुसार।
  • बैंक ट्रांजेक्शन समिति के अध्यक्ष व सदस्य सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ही।
  • वार्षिक सहायता राशि, विकास शुल्क आदि का सदुपयोग SDMC की सलाह से।
  • हर बैठक में वित्तीय लेखों का अनुमोदन।

(C) बैठकें

  • मासिक बैठक प्रत्येक अमावस्या को।
  • कोरम – कम से कम 50% सदस्यों की उपस्थिति।
  • सूचना 2 सप्ताह पहले लिखित व SMS द्वारा।
  • सभी कार्यवाही विवरण Register में संरक्षित।
बैठक की दिनांक सभाध्यक्ष उपस्थिति प्रस्ताव प्रस्तावक संख्या प्रस्तावक में महिलाएँ
____ ____ ____ ____ ____ ____

🏢 उप समितियाँ

📌 1️⃣ विद्यालय भवन उपसमिति (School Building Committee)

क्रमांक पदनाम सदस्य
1 प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक अध्यक्ष
2 पंचायत/शहरी निकाय प्रतिनिधि 1 सदस्य
3 अभिभावक प्रतिनिधि 1 सदस्य
4 तकनीकी व्यक्ति (JEN RMSA/SSA) 1 सदस्य
5 लेखा/Audit शाखा प्रतिनिधि 1 सदस्य
6 प्रधानाचार्य द्वारा नामित हेड टीचर सदस्य सचिव

✅ कार्य: भवन निर्माण, मरम्मत, प्रबंधन, पर्यवेक्षण, रिपोर्टिंग, लेखा संधारण।


📌 2️⃣ शैक्षिक उपसमिति (School Academic Committee)

क्रमांक पदनाम सदस्य
1 प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक अध्यक्ष
2 अभिभावक प्रतिनिधि 1 सदस्य
3 विशेषज्ञ (विज्ञान/गणित/मानविकी/कला/खेल/भाषा) 4 सदस्य
4 प्रधानाचार्य द्वारा नामित विद्यार्थी 1 सदस्य
5 प्रधानाचार्य द्वारा नामित हेड टीचर सदस्य सचिव

कार्य:

  • शैक्षिक योजना बनाना व लागू करना।
  • प्रगति रिपोर्ट तैयार करना।
  • शैक्षिक गुणवत्ता का विश्लेषण।

SMC (School Management Committee) के कार्य

  • बाल अधिकारों की जागरूकता।
  • शिक्षकों की उपस्थिति व समयपालन सुनिश्चित करना।
  • ड्रॉप आउट रोकना और नामांकन बढ़ाना।
  • मध्याह्न भोजन व स्वास्थ्य जांच।
  • भवन निर्माण, संसाधन उपलब्ध कराना।
  • तीन वर्षीय विकास योजना बनाना।
  • आय-व्यय लेखा जोखा रखना।
  • सभी योजनाओं/ग्रांट का सदुपयोग सुनिश्चित करना।

📢 महत्वपूर्ण निर्देश

  • वित्तीय कार्यवाही केवल संयुक्त हस्ताक्षर से।
  • स्थानीय व्यक्ति/संसाधन का अस्थाई उपयोग किया जा सकता है — पर राज्य सरकार पर कोई बोझ नहीं।
  • SMC व SDMC दोनों RTE, SSA व RMSA के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगी।

📌 Final Note

यह जानकारी RMSA, SSA और राजस्थान शिक्षा विभाग की गाइडलाइन पर आधारित है। विद्यालय प्रधानाचार्य से अपडेट निर्देश लें। सभी जानकारी स्कूल नोटिस बोर्ड, शाला दर्पण व समिति रजिस्टर में अद्यतन रखें।


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