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Health Club का गठन कैसे करें I Health Club in School

Health Club

Health Club-राज्य में चलाए जा रहे Eat Right Initiatives के अंतर्गत स्कूलों में शुद्ध व स्वच्छ खाद्य पदार्थ का उपयोग करने की सुनिश्चितता, विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने एवं स्वास्थ्य संवर्धन (Health Promotion) के लिए विद्यालय स्तर पर Health Club की स्थापना करने के लिए विभाग द्वारा  आग्रह किया गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति  हेतु विद्यालय स्तर पर Health Club का गठन कर एवं संचालन किया जाएगा I

health club ka gathan kaise kare

Health Club Acitivities I हेल्थ क्लब गतिविधियाँ

  • 1.नोडल अधिकारी – विद्यालय स्तर पर गठित Health Club के लिए एक शिक्षक को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा I
  • 2. शिक्षक -Health Club में शारीरिक शिक्षक (PTI), विज्ञान एवं सामाजिक ज्ञान के शिक्षक को सम्मिलित करना।
  • 3. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा (Standard) से एक विद्यार्थी प्रतिनिधि Health Club का सदस्य बनाना।
  • 4. कुल सदस्य – विद्यालय स्तर पर गठित किए जाने वाले Health Club में अधिकतम 15 सदस्यों को शामिल करना।
  • 5. बैठक :-Health Club की प्रत्येक माह बैठक आयोजित करना, जिसमें पिछले महीने आयोजित की गई गतिविधियों की समीक्षा तथा आगामी एक माह में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों / गतिविधियों पर चर्चा करना।
  • 6. रजिस्टर संधारण -Health Club की बैठकों में की गई चर्चा एवं उपस्थित रहे सदस्यों का विवरण Health Club Register में संधारित करना।

Health Club Subjects

Health Club की गतिविधियों में सम्मिलित किए जाने वाले प्रमुख विषय इस प्रकार है जिनको शामिल किया जाना है –

  • 1. खाद्य सुरक्षा- Eat Right Initiatives

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    2. तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान Tobacco Free Generations Children Against Tobacco

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    3. फिजिकल एक्टिविटी

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    4. व्यक्तित्व विकास

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    5. Say No To Fast Food

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    6. Healthy Tiffin

यह भारत सरकार और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा शुरू की गई पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। इसका लक्ष्य न केवल लोगों को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें स्वस्थ और संतुलित आहार की ओर प्रेरित करना भी है।

  • विद्यार्थियों  को सही पोषण और स्वस्थ आहार के महत्व के बारे में जागरूक करना।

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    संतुलित आहार को प्रोत्साहित करना, जैसे कम नमक, चीनी और तेल का उपयोग।

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    साफ-सफाई और गुणवत्ता मानकों का पालन करना।

  • इसमें  स्वस्थ खाने के फायदे और फास्ट फूड, अधिक तले-भुने और चीनी वाले उत्पादों के नुकसान के बारे में बताया जाता है।
  • स्कूली बच्चों को स्वस्थ आहार और स्वच्छता की आदतें सिखाने के लिए।

तम्बाकू का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं के भविष्य को भी प्रभावित करता है। तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों और Tobacco-Free Generations पहल का उद्देश्य स्कूलों को पूरी तरह से तम्बाकू मुक्त क्षेत्र बनाना और बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से बचाना है।

तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थानों का उद्देश्य:

  • छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ को तम्बाकू उत्पादों के उपयोग से बचाना।
  • छात्रों को तम्बाकू के नुकसान के बारे में जागरूक करना।

Tobacco-Free Generations: Children Against Tobacco पहल क्या है?

  • यह अभियान बच्चों को तम्बाकू विरोधी योद्धा (Anti-Tobacco Ambassadors) बनने के लिए प्रेरित करता है।
  • इसका उद्देश्य बच्चों  को तम्बाकू के सेवन को रोकने और इसके  प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित करना है।

बच्चों को सिखाने के लिए महत्वपूर्ण बातें:

1. तम्बाकू के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जो लोग तम्बाकू सेवन करते है वो इसे अवश्य देखे 

  • तम्बाकू का सेवन फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, और सांस की बीमारियों का कारण बनता है।
  • केंसर– चबाने वाले तम्बाकू से मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ता है।
  • यह इन्सान के  शरीर के विकास में बाधा डालता है, खासकर बच्चों में।

2. तम्बाकू का सामाजिक प्रभाव:

  • तम्बाकू की लत परिवार और दोस्तों से दूर कर सकती है। जो इन्सान आपको तम्बाकू सेवन से रोकता है वो आपको धीरे-धीरे बुरा लगने लग जाता है और वह आपसे दूर होगा या आप खुद दूर होंगे 
  • यह आर्थिक, सामाजिक  नुकसान का कारण बनता है इसके अलावा यह आपके लिए किसी तरह भी फायदेमंद नहीं है I

3. तम्बाकू से कैसे बचें: एक प्रयास आप कर सकते है –

  • अगर आपका कोई तम्बाकू सेवन के लिए  दबाव डाले, तो दृढ़ता से “ना” कहें। सख्ती से मना करे और ऐसे लोगों से दुरी बनाने का प्रयास करे I
  • अपने दोस्तों और परिवार को तम्बाकू के दुष्प्रभाव बताएं। सच्ची दोस्ती का मतलब साथ बैठकर तम्बाकू सेवन या नशा करना नहीं है बल्कि जो आपके सच्चे दोस्त है वो खुद तम्बाकू और नशों से दूर रहेंगे और आपको भी रखेंगे I
  • सकारात्मक आदतें विकसित करें, जैसे खेल-कूद, कला, या संगीतक्योकि जितने आप अच्छे कार्यो में व्यस्त रहेंगे उतने ही आप इन बुरी आदतों से दूर होंगे I

4. रोल मॉडल बनें:

  • बच्चों को यह समझाएं कि वे तम्बाकू मुक्त रहकर दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

5.विद्यालय हेतु आवश्यक कार्य 

  • स्कूल में तम्बाकू उत्पादों के उपयोग, बिक्री और विज्ञापन पर पूरी तरह से प्रतिबंध।
  • “तम्बाकू मुक्त क्षेत्र” का बोर्ड परिसर में लगाएं।
  • जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें:
  • डॉक्यूमेंट्री, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता।
  • डॉक्टर या विशेषज्ञ को बुलाकर बच्चों को तम्बाकू के दुष्प्रभाव समझाएं।
  • पैरेंट्स (अभिभावकों) और टीचर्स को शामिल करें:
  • माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों को तम्बाकू से दूर रखने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करें।

बच्चों के लिए संदेश:

               “जिंदगी के हर सपने को पूरा करने के लिए तम्बाकू से दूर रहें।”

               “तम्बाकू छोड़ो, जिंदगी से जुड़ो।”

                “हम हैं तम्बाकू मुक्त पीढ़ी, स्वस्थ और खुशहाल जीवन हमारी निशानी।”

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को तम्बाकू के खतरों से बचाना और उन्हें स्वस्थ भविष्य के लिए प्रेरित करना है। उम्मीद है आप इसे सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों तक शेयर करेंगे I

बच्चों / Students  के लिए इन गतिविधियों को फिजिकल एक्टिविटी में शामिल किया जा सकता है –

  • खेल-कूद: क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन।
  • आउटडोर गेम्स: दौड़ना, साइक्लिंग, रस्सी कूदना।
  • डांस: ज़ुम्बा या कोई अन्य डांस फॉर्म।

फास्ट फूड आजकल बच्चो का इंटरेस्ट Fast Food –जैसे बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज और पैकेज्ड स्नैक्स की और  ज्यादा ही बढ़ता जा रहा है जो बच्चो की हेल्थ पर बुरा प्रभाव दल रहा है लेकिन इनके टेस्ट की लत के कारण बच्चे इसके आदी होते जा रहे है I इनका सेवन  शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

ये खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट तो होते हैं, लेकिन इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है और इनमें कई हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं।

फास्ट फूड से होने वाले नुकसान: Disadvantage of Fast Food

  • स्वास्थ्य पर बुरा असर
  • मोटापा और वजन बढ़ना।
  • हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल।
  • हृदय रोग और डायबिटीज का खतरा।
  • पाचन तंत्र पर असर
  • इन खाद्य पदार्थों में फाइबर की कमी होती है, जिससे पाचन में दिक्कत होती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर असर:

  • ज्यादा फास्ट फूड खाने से चिड़चिड़ापन और मानसिक थकावट हो सकती है।
  • पढ़ाई और ध्यान में कमी:
  • फास्ट फूड शरीर को सुस्त बनाता है, जिससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हट जाता है।

फास्ट फूड से बचने के तरीके:

  • फल, नट्स, सलाद, और घर का बना खाना खाएं।
  • फास्ट फूड की जगह Fruits, सूप, जूस को प्राथमिकता दें।

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