Non Residence Special Training Camp 2024-25(NRSTC)
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 4 एवं राजस्थान के आरटीई नियम 2011 के नियम 6 में शिक्षा से वंचित बालक–बालिकाओं (OoSC) को आयु अनुरूप कक्षा की दक्षता प्राप्त करने हेतु विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। उक्त प्रावधान की क्रियान्विति हेतु सत्र 2023-24 में राजस्थान में शिक्षा से वंचित बालक–बालिकाओं में आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेशोपरान्त उस कक्षा की दक्षता विकसित करने तथा बच्चों की वैकल्पिक शिक्षा की व्यवस्था हेतु 3 माह, 6 माह का गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का संचालन सत्र 2024-25 में किया जाना है।
गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश
(1) सामान्य कार्य प्रक्रिया:–
- गत सत्र 2023-24 में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के दौरान चिह्नित कर विद्यालय में नामांकित करवाये गये शिक्षा से वंचित बच्चों को उनकी आयु अनुरूप कक्षा की शैक्षिक दक्षता को ध्यान में रखते हुये 3 माह एवं 6 माह के गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर की आवश्यकताओं का निर्धारण किया गया था ।
- उक्त विद्यार्थियों का शैक्षिक विवरण एवं गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता का विवरण ब्लॉक कार्यालय की प्रबन्ध पोर्टल आई.डी. के माध्यम से सत्र 2024-25 के लक्ष्य हेतु प्रबन्ध पोर्टल पर प्रविष्टि की जा चुकी है । तद्नुसार जिलावार लक्ष्य संलग्न है।
- ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ प्रशिक्षणार्थी संख्या एवं शिविर स्थल को ध्यान में रखकर शिविरों की कुल संख्या का निर्धारण करेंगे।
- 3 माह की अवधि तथा 6 माह की अवधि वाले शिविरों का संचालन पृथक–पृथक किया जायेगा ।
(2) विशेष प्रशिक्षण शिविर हेतु पात्र बालक-बालिकाओं की संख्या एवं शिविरों का निर्धारण:-
- ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ उनके क्षेत्राधिकार में आने वाले विद्यालय के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण शिविर हेतु पात्र विद्यार्थियों के अभिभावकों की इस विषय में सहमति प्राप्त करेंगे कि वे अपने पुत्र / पुत्री को आवासीय विशेष प्रशिक्षण से जोड़ना चाहते हैं या गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण दिलाना चाहते हैं। सहमति प्राप्त होने के उपरान्त ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ 3, 6 माह की अवधि वाले गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर के लिए प्रशिक्षणार्थियों की कुल संख्या का निर्धारण करेंगे ।
- गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर के प्रशिक्षणार्थी 10 बालक-बालिकाओं को एक समूह मानते हुये एक शिविर संचालित होगा। बालक-बालिकाओं की संख्या 10 से कम होने पर निकटतम विद्यालय में ऐसे बच्चे जिन्हें चिन्हित किया गया है, को शामिल करते हुये गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जायेगा । अधिकतम बच्चों की संख्या वाली एसएमसी द्वारा शिविर संचालन सम्बन्धी समस्त कार्य सम्पादित किया जायेगा ।
- शिविर संचालन हेतु निर्धारित मापदण्डानुसार विद्यार्थी संख्या न्यूनतम 10 से भी कम रहने पर गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का संचालन नहीं किया जाकर ऐसे विद्यार्थियों को स्वयं के विद्यालय के नियमित शिक्षकों द्वारा ही शैक्षिक दक्षता का विकास किया जायेगा ।
- पीईईओ / यूसीईईओ प्रत्येक तीन माह की शैक्षिक स्तर की सूचना अनिवार्य रूप से सीबीईओ को उपलब्ध करवायें। प्रशिक्षण शिविर / विद्यालय स्तर पर शिक्षकों से लाभान्वित हो रहे बच्चों की सूचना भारत सरकार के प्रबन्ध पोर्टल पर Special Training Center Module (संलग्नक) पर अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ प्रशिक्षणार्थी संख्या एवं शिविर स्थल को ध्यान में रखकर शिविरों की कुल संख्या का निर्धारण करेंगे ।
- 3 माह की अवधि तथा 6 माह की अवधि वाले शिविरों का संचालन पृथक-पृथक किया जायेगा ।
(3) शैक्षिकव्यवस्थाः-
- गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में शैक्षिक कार्य प्रशिक्षित योग्य एज्यूकेशन वॉलिन्टियर (एज्यूकेशन वॉलिन्टियर) द्वारा किया जावेगा ।
- गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में 10 से 19 बालक-बालिकाओं को प्रशिक्षित करने हेतु एक एज्यूकेशन वॉलिन्टियर होगा |
एज्यूकेशन वॉलिन्टियर का चयन-
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर के चयन की प्रक्रिया एस. एम. सी. द्वारा पात्र बालक–बालिकाओं की संख्या निर्धारित होने के बाद गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर प्रस्ताव भिजवाने के साथ प्रारम्भ कर दी जावे ताकि प्रस्ताव स्वीकृत होते ही शिविर प्रारम्भ किये जा सकें I
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर को प्रभावी चयन हेतु संख्या, उनके द्वारा किये जाने वाले कार्य, देय मानदेय, योग्यता/चयन के आधार के संबंध में एस. एम. सी. द्वारा व्यापक प्रचार प्रसार सार्वजनिक स्थल, विद्यालय, सरकारी कार्यालय, ग्राम पंचायत / नगर पालिका कार्यालय आदि में नोटिस चस्पा कर व अन्य माध्यम से किया जावे।
- ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ के निर्देशन में एसएमसी के माध्यम से एज्यूकेशन वॉलिन्टियर (EV) का चयन किया जायेगा ।
- शिविरों में ऐजुकेशन वॉलेन्टियर का चयन पूर्ण पारदर्शिता के साथ शिक्षण कार्य के प्रति निष्ठावान व्यक्ति का किया जाए।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर का कार्य करने हेतु एक से अधिक EV उपलब्ध होने पर तालिका 02 पर वर्णित अंकभार के अनुसार मैरिट निर्धारित कर चयन किया जायेगा ।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर चयन हेतु प्रशिक्षित स्थानीय व्यक्ति को वरियता दी जाये ।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर के चयन हेतु एस.एम.सी. / एस. डी. एम. सी. एक पैनल तैयार करेगी एवं पैनल से मैरिट लिस्ट में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थी को एज्यूकेशन वॉलिन्टियर हेतु नियुक्त करेगी ।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर के चयन हेतु B.Ed. / BSTC होना अनिवार्य है ।
- शिविर में Interns से शिक्षण कार्य करवाया जा रहा है तो Interns को किसी प्रकार का मानदेय देय नहीं होगा ।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर को प्रति माह दिये जाने वाले मानदेय में से 10 प्रतिशत का भुगतान बाह्य मूल्यांकन के बाद किया जायेगा ।
- मानदेय का भुगतान एस. एन.ए. के माध्यम से किया जायेगा ।
तालिका 02
योग्यता प्रतिशत
दसवीं एजूकेशन वॉलियन्टर हेतु अंक भार
- 60 व 60 से अधिक प्रतिशत 10 अंक
- 50 व 50 से अधिक एवं 59 प्रतिशत तक 5 अंक
- 45 से अधिक एवं 49 प्रतिशत तक 3 अंक
बारहवीं एजूकेशन वॉलियन्टर हेतु अंक भार
- 60 व 60 से अधिक प्रतिशत 10 अंक
- 50 व 50 से अधिक एवं 59 प्रतिशत तक 5 अंक
- 45 से अधिक एवं 49 प्रतिशत तक 3 अंक
BSTC/ B.Ed. एजूकेशन वॉलियन्टर हेतु अंक भार
- प्रथम श्रेणी 5 अंक
- द्वितीय श्रेणी 3 अंक
- तृतीय श्रेणी 1 अंक
स्नातक एजूकेशन वॉलियन्टर हेतु अंक भार
- 60 व 60 से अधिक प्रतिशत
- 50 व 50 से अधिक एवं 59 प्रतिशत तक
- 45 से अधिक एवं 49 प्रतिशत तक
साक्षात्कार कुल अंक 5 अंक
Total 30 अंक
(4) शिक्षण, शिक्षण सामग्री एवं सामान्य निर्देश:-
- उक्त शिक्षण शिविर प्रारम्भ होने के प्रथम 5 दिवस में शिविर में नामांकित बालक–बालिकाओं के अनुकूल गतिविधियाँ करावेगा। इस दौरान क्षेत्रीय खेलकूद, साँस्कृतिक एवं अन्य बाल मनोरंजक गतिविधियाँ संचालित कर बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि पैदा की जाकर शिविर में अनुकूलन की कार्यवाही होगी ।
- शिविर में प्रशिक्षित किये जा रहे प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी में वांछित शैक्षिक स्तर के अनुरूप पैदा हुई समझ एवं विकसित दक्षता का मूल्यांकन प्रतिमाह मानक मापदण्ड (लर्निंग इन्डीकेटर) अनुसार तैयार प्रश्न पत्र द्वारा किया जायेगा। यह प्रश्न पत्र ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ द्वारा मनोनीत उच्च प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा तैयार किया जायेगा। उक्त मूल्यांकन का रिकार्ड एज्यूकेशन वॉलिन्टियर द्वारा निर्धारित पोर्टफोलियो में रखा जायेगा ।
- आरएससीईआरटी द्वारा तैयार की गयी वर्क बुक से कक्षा 1 से 7 तक वैकल्पिक शिक्षा के अन्तर्गत संचालित गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविरों में पढ़ाया जाएगा।
- उक्त पाठ्यक्रम द्वारा एक कक्षा स्तर की दक्षताओं का विकास अधिकतम 3 माह में किया जायेगा ।
- एज्यूकेशन वॉलिन्टियर को कभी भी नियमित नहीं किया जा सकेगा ।
- तीन माह एवं छः माह की अवधि के लिए संचालित शिविर – तीन माह के शिविर में प्रशिक्षणरत विद्यार्थियों का बाह्य जाँच दल, जिसमें मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी / प्रतिनिधि, सीआरसी तथा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित आर. पी. सदस्य होंगे। इनके द्वारा शिविर का त्रैमासिक मूल्यांकन सीखने के मानक मापदण्डानुसार किया जायेगा । बाह्य मूल्यांकन के परिणाम (परिशिष्ट – 7 ) के आधार पर शिविर में पंजीकृत बालक–बालिकाओं के कक्षा स्तर का निर्धारण करेंगे तथा परिणाम अनुसार निर्धारित कक्षा में उन्हें संबंधित विद्यालय में मैनस्ट्रीम कराया जायेगा एवं नियमित अध्ययन–अध्यापन विद्यालय के माध्यम से सुनिश्चित कराया जायेगा। इसी प्रकार छः माह के शिविर में द्वितीय बाह्य मूल्यांकन के परिणाम के आधार पर शिविर में प्रशिक्षणरत विद्यार्थियों के कक्षा स्तर का निर्धारण कर उन्हें उस कक्षा में संबंधित विद्यालय में नामांकित कराया जायेगा एवं नियमित अध्ययन–अध्यापन विद्यालय के माध्यम से सुनिश्चित कराया जायेगा । यह कक्षा बालक–बालिका की आयु अनुरूप कक्षा से भिन्न हो सकती है। अतः कक्षा भिन्न होने की स्थिति में तद्नुसार एस. आर. पंजिका एवं शाला दर्पण पोर्टल में परिवर्तन किया जाए ।
- विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन मिड–डे–गील योजनान्तर्गत मिलेगा। इस हेतु मिड–डे–मील का अतिरिक्त पोषाहार शिविर संचालन स्थल वाले विद्यालय को आवन्दित किया जावे तथा उस विद्यालय को पोषाहार कम आवन्दित किया जावे जहां पर उन बालक–बालिकाओं का आयु अनुरूप कक्षा में नामांकन हुआ है।
- शिविर में अध्ययनरत बालक–बालिकाओं को भी मिड–डे मील व दूध आदि की योजनाओं से अन्य राजकीय विद्यालयों पर लागू नियमानुसार लाभान्वित किया जायेगा ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर अवधि के दौरान शिविर संचालन स्थल की एसएमसी के प्रधानाध्यापक द्वारा शिविर में उपस्थित बालक–बालिकाओं एवं एज्यूकेशन वॉलिन्टियर की उपस्थिति प्रतिदिन प्रमाणित की जाएगी। विशेष प्रशिक्षण शिविर की अवधि के दौरान शिविर स्थल की एस.एम.सी. की निगरानी में शिविर स्थल पर संस्था प्रधान द्वारा प्रतिमाह अध्यापक – अभिभावकों की बैठक आयोजित की जाएगी। कार्यवाही विवरण का परिशिष्ट-3 के अनुसार रिकार्ड संधारण किया जाएगा। इस बैठक में एज्यूकेशन वॉलिन्टियर, अभिभावक एवं एस. एम. सी. मिलकर शिक्षा से वंचित बालक–बालिकाओं की नियमित उपस्थिति, उनकी शैक्षिक उपलब्धि तथा शिविर संचालन में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे तथा समाधान स्थानीय स्तर पर खोजेंगे ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में अध्यापन कराने वाले एज्यूकेशन वॉलिन्टियर की एक दिवसीय मासिक बैठक का आयोजन ब्लॉक स्तर पर सीबीईओ द्वारा नामित आर.पी. के द्वारा किया जायेगा । बैठक दिवस को शिविर संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ के निर्देशन में शिविर स्थल की विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा की जायेगी । एजूकेशन वालिन्टियर्स की मासिक बैठक में वैकल्पिक शिक्षा के कार्यक्रम प्रभारी (एपीसी) एवं आर.पी. शिविर संचालन संबंधी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे तथा एज्यूकेशन वॉलिन्टियर के समक्ष प्रस्तुत शैक्षिक कठिनाइयों का निराकरण करेंगे तथा शिविर को बेहतर चलाने हेतु अपने सुझाव देंगे। शिविर का फीडबैक लिया जाकर बैठक की रिपोर्ट जिला कार्यालय को प्रेषित की जायेगी ।
- गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर में कार्यरत एज्यूकेशन वॉलिन्टियर बालक/बालिकाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करे अन्यथा उनके मानदेय में निरीक्षण के समय अनुपस्थिति के आधार पर कटौती की जा सकेगी। शिविरों का संचालन शिविरा पंचाग के अनुसार विद्यालय समय में किया जाएगा।
- जो शिविर विद्यालय परिसर में चल रहे हैं, उनमें कार्यरत एज्यूकेशन वॉलिन्टियर को संस्था प्रधान द्वारा अन्य कक्षाओं के अध्यापन का दायित्व दे दिया जाता है, जो अनुचित है। एज्यूकेशन वॉलिन्टियर केवल विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बालक–बालिकाओं को ही अध्यापन कार्य करायेगा ।
(5) मॉनिटरिंग एवं समीक्षा:-
- विशेष प्रशिक्षण शिविर के इम्प्लिमेन्टेशन / मॉनिटरिंग एवं रिव्यू हेतु त्रिस्तरीय व्यवस्था निम्नानुसार होगी:–
- > ग्राम पंचायत / कस्बा स्तर पर ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समीक्षा की जावेगी । इस समिति में उन विद्यालयों से संबंधित एक शिक्षक जिनके विद्य ार्थी कक्षा स्तर अनुरूप दक्षता विकसित करने हेतु शिविर में पंजीकृत हैं सदस्य होंगे। यह कमेटी विशेष प्रशिक्षण शिविर के इम्प्लिमेन्टेशन / मॉनिटरिंग एवं वांछित सुधार हेतु उत्तरदायी रहेगी ।
- >एस.डी.एम. की अध्यक्षता में होने वाली ब्लॉक स्तरीय निष्पादक समिति की बैठकों में विशेष प्रशिक्षण शिविरों की समीक्षा की जायेगी ।
- > जिलाधीश की अध्यक्षता में होने वाली जिला स्तरीय निष्पादक समिति की बैठकों में विशेष प्रशिक्षण शिविरों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी जिसकी समीक्षा की जायेगी एवं सुधार हेतु सुझाव दिये जायेंगे।
- > मॉनीटरिंग कमेटी मासिक बैठक आयोजित कर शिविर का प्रबोधन करेगी एवं बैठक का कार्यवृत्त तैयार कर जिला कार्यालय को प्रेषित करेगी ।
एज्यूकेशन वॉलिन्टियर / शिक्षक के दायित्व :-
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में पंजीकृत समस्त बालक–बालिकाओं का आधार नामांकन करवाना।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में पंजीकृत बालक–बालिकाओं का शिविर प्रारम्भ में कक्षा स्तर निर्धारण हेतु सीसीई पैटर्न के अनुसार लिखित में आकलन कर रिकार्ड संधारण करना ।
- पंजीकृत विद्यार्थियों के आकलन अनुसार निर्धारित कक्षा स्तर से आगे की दक्षताओं के विकास के लिए शैक्षिक योजना तैयार कर रिकार्ड संधारित करना ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में पंजीकृत बालक–बालिकाओं का शिविर प्रारम्भ में पोर्टफोलियो तैयार कर प्रतिमाह अपडेट करना ।
- अनुपस्थित रहने वाले बालक–बालिकाओं की सूचना सम्बन्धित संस्था प्रधानों को उपलब्ध कराना । निर्धारित समस्त अभिलेख संधारण करना ।
- शिविर – विद्यार्थियों की शिक्षण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था करना ।
अन्य निर्देश
–
- इन शिविरों की जिला/ ब्लॉक स्तर से सघन मॉनिटरिंग की जाए, ताकि इन शिविरों में अध्ययन करने वाले बालक बालिकाओं की आयु एवं कक्षा स्तर के अनुरूप सीखने की दक्षता विकसित की जा सके ।
- नियमित रूप से काम आने वाली सामग्री यथा- चॉक, डस्टर, रोलर बोर्ड, चार्ट आदि तथा विज्ञान एवं गणित किट की व्यवस्था यथा संभव सम्बन्धित विद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी जाये ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में बालक–बालिकाओं की संख्या के आधार पर आनुपातिक व्यय स्वीकृत होगा । बचत होने की स्थिति में भौतिक लक्ष्य बढ़ाएं जा सकेंगे, परन्तु इसकी अनुमति परिषद कार्यालय से प्राप्त करनी होगी ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर का सम्पूर्ण व्यय प्रोक्योरमेन्ट निर्देशों के अनुसार शिविर स्थल की एसएमसी द्वारा किया जायेगा। क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता एवं उपयोगिता हेतु शिविर स्थल के एसएमसी अध्यक्ष, सचिव एवं सम्बन्धित ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ संयुक्त रूप से उत्तरदायी होंगे । विशेष प्रशिक्षण शिविर (गैर आवासीय) हेतु अग्रिम राशि के हस्तान्तरण सम्बन्धी व्यवस्थित अभिलेख जिला एवं ब्लॉक / एस.एम.सी. ( शिविर स्थल ) स्तर पर संधारित किए जायें, जिसमें (1) अग्रिम राशि किस उद्देश्य के लिए दी गई है, (2) वास्तव में हुआ व्यय (3) अग्रिम में से हुए व्यय के समायोजन पश्चात् शेष राशि तथा ( 4 ) उपयोगिता प्रमाण जारी होने का उल्लेख हो ।
- निश्चित अवधि के बाद बिना सक्षम स्वीकृति के विशेष प्रशिक्षण शिविर नहीं चलाये जाए ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर के व्यय बिलों के भुगतान से पूर्व बालक / बालिकाओं की उपस्थिति रजिस्टर से प्रमाणित फोटो प्रति संलग्न करवाई जाकर तथा समय–समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा किए गये पर्यवेक्षण को ध्यान में रखा जाकर औसत उपस्थिति के आधार पर भुगतान किया जायेगा ।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर के समस्त व्यय बिलों पर एसएमसी (शिविर स्थल) के अध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर अंकित होंगे। उपयोगिता प्रमाण पत्र पर दिनाँक एवं डिस्पेच नम्बर अंकित किए जाए तथा उस पर ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ एवं सीबीईओ के प्रति हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में किए गए समस्त व्यय का भुगतान एस. एन.ए. के माध्यम से किया जायेगा |
- विशेष प्रशिक्षण शिविर हेतु किए गए व्ययों का निश्चित समयावधि में समायोजन करवाने हेतु सम्बन्धित प्रभारी
- अधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र में पीईईओ (सीआरसी) एवं शहरी क्षेत्र के यूसीईईओ जिम्मेदार होंगे।
- विशेष प्रशिक्षण शिविर में आवंटित मद अनुसार निर्धारित बजट से अधिक व्यय नहीं किया जाए। अधिक व्यय किए जाने पर सम्बन्धित के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाकर वसूली की जाएगी।
- अनावश्यक भुगतान रोके जाने एवं उसी वित्तीय वर्ष में भुगतान नहीं होने पर, अगले वित्तीय वर्ष में भुगतान करने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।
- नियमानुसार शिविर संख्या नहीं होने की स्थिति में विद्यालय के नियमित शिक्षकों द्वारा सम्बन्धित विद्यार्थी की शैक्षिक दक्षता को बढ़ाने हेतु कार्य किये जाने पर विद्यार्थी एवं शिक्षक उपयोग हेतु टीएलएम, स्टेशनरी इत्यादि हेतु उक्त बजट सारणी की क्रम संख्या 05 के अनुसार राशि जारी की जायेगी ।
- परिशिष्टानुसार विद्यालय / ब्लॉक से उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकल रूप से जिला उपयोगिता प्रमाण पत्र संकलित कर परिषद को प्रेषित करें ।
- ब्लॉक कार्यालय से विद्यार्थियों की नामजद सूचना प्रबन्ध पोर्टल पर प्रविष्ट की जा चुकी है। अतः इनके लिये संचालित किये जाने वाले शिविरों के मैपिंग की सूचना, विद्यार्थी उपस्थिति, मैनस्ट्रीमिंग की सूचना तद्नुसार समय–समय पर गत सत्र की भांति प्रबन्ध पोर्टल पर अद्यतन करना सुनिश्चित करें।
आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविर (6 माह ) दिशा – निर्देश 2024-25 | RSTC 2024 |
NRSTC 2024-25 | NRSTC 2024-25 |
Staff Duty Monitoring Module 2024 | Staff Duty Monitoring Module 2024 |
Whatsapp Channel |