RTE 2024
भारत का राजपत्र ( THE GAZETT of INDIA) एक आधिकारिक दस्तावेज़ है, जिसे सरकार द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह किसी कानून, नियम, नीति, अधिसूचना, आदेश, या संशोधन को औपचारिक रूप से लागू करने और सार्वजनिक जानकारी के लिए उपलब्ध कराने का माध्यम है।
इस अधिसूचना के अनुसार, “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009” (The Right of Children to Free and Compulsory Education Act, 2009) में संशोधन किया गया है।
इसके तहत 2010 में बनाए गए “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम” (Rules) में बदलाव किया गया है।
इस संशोधन के माध्यम से कक्षा 5 और कक्षा 8 में छात्रों की परीक्षा और प्रोन्नति से संबंधित नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जो पहले अधिनियम और नियमों में मौजूद नहीं थे। इससे विद्यार्थियों की गुणवता और शैक्षणिक स्तर में सुधार होगा I
RTE 2024 निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियम, 2024 है।
(2) ये सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख को लागू होंगे।
2. निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2010 में, भाग 5 के पश्चात निम्नलिखित भाग अंतःस्थापित किया जाएगा
“भाग 5 क- कतिपय मामलों में परीक्षा और रोका जाना
नये संशोधन नियमो के अनुसार बिन्दुओ का स्पष्टीकरण :-
RTE 2009
2009 में लागू “निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम” (RTE) के तहत, यह तय किया गया था कि किसी भी छात्र को कक्षा 8 तक रोका नहीं जाएगा।
उद्देश्य– यह निर्णय इस उद्देश्य से लिया गया था कि हर बच्चा कक्षा 8 तक अपनी पढ़ाई पूरी कर सके और उसे स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े।
परिणाम :-हालांकि, इसकी वजह से कई बार यह पाया गया कि छात्रों का शैक्षणिक स्तर कमजोर हो रहा है, क्योंकि उन्हें बिना योग्यता के अगली कक्षा में प्रोन्नत (Promote)कर दिया जाता था।
अब:
अब नये संशोधन के बाद हुए बदल्वाव :-16 दिसंबर 2024 को नई अधिसूचना जारी कर, शिक्षा मंत्रालय ने RTE नियमों में संशोधन किया है।
प्रमुख बदलाव: परीक्षा का प्रावधान:
- अब कक्षा 5 और 8 में प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के अंत में नियमित परीक्षा होगी। यह परीक्षा सक्षमता-आधारित होगी, यानी समझ और कौशल की जांच होगी। (बिन्दु 1)
- पुनः परीक्षा का अवसर: यदि छात्र पहली परीक्षा में असफल होता है, तो उसे दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा। (बिन्दु 2)
- रोकने की प्रक्रिया: यदि छात्र पुनः परीक्षा में भी असफल होता है, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। (बिन्दु 3)
- बालक को रोके रोखने के दौरान शिक्षक और स्कूल प्रबंधन छात्र और उसके माता-पिता का मार्गदर्शन करेंगे। (बिन्दु 4)
- स्कूल का प्रमुख उन बालकों की सूची बनाएगा जो रोके गए हैं तथा ऐसे बालकों को विशेषज्ञीय इनपुट के लिए प्रदान किए गए उपबंधों तथा पहचाने गए अधिगम के अंतरालों के संबंध में उनकी प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से मॉनीटरी करेगा। (बिन्दु 5)
- समग्र विकास पर जोर: रोके गए छात्रों को उनकी कमजोरियों को दूर करने के लिए विशेषज्ञीय इनपुट दिया जाएगा।
- सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा रटने या प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित न हो। (बिन्दु 6)
- स्कूल से निष्कासन पर रोक: किसी भी छात्र को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से नहीं निकाला जाएगा। (बिन्दु 7)
पहले और अब के अंतर:
पहले: सभी छात्रों को बिना असफल हुए अगली कक्षा में प्रोन्नत किया जाता था।
अब: परीक्षा और पुनः परीक्षा के आधार पर छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अगली कक्षा में भेजा जाएगा।
आपको यह बदलाव कैसे लगे क्या कोई और बदलाव आप चाहते है जो छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और उनकी कमजोरियों को दूर करने के लिए सहयोगी हो I